सोनीपत के एक गाँव में प्रतिभावान विद्यार्थियों को बांटे गये कम्प्यूटर और साईकिल।
अम्रतसर. सरकारी स्कूल का टाट पर बैठने वाला बच्चा भी महंगे निजी स्कूल के बच्चे की तरह अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है अगर उसे सही मदद और कोचिंग मिले। सोनीपत जिले के गाँव खेडी दमकन में अयोजीय छात्र सम्मान समारोह में सरकारी स्कूलों में पड़नेवाले १० बच्चे पूरे जिले के सबसे होशियार २० बच्चों में से चुने गये, इन बच्चों को कम्प्यूटर बांटे गये ताकि स्न्स्धनों की कमी के चलते प्रतिभा खत्म न हो जाये। इन बच्चों को फिल्म स्टार गुलशन ग्रोवर, मारुती के सी.ई.ओ एम्.एम्. सिंह, रोहतक रेंज के आई.जी. अलोक मित्तल ने सम्मानित किया।
इस प्रतियोगिता के लिए २६ जनवरी को परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस परीक्षा में पहले २० स्थान पाने वाले बच्चों को कम्प्यूटर दे कर सम्मानित किया गया इस के इलावा २० बच्चों को साईकिल भी दी गयी। ये समारोह इसलिए भी अलग था क्यूंकि इस कार्यक्रम का आयोजन न तो की नेता को खुश करने के लिए किया गया था न ही नेता बनने के लिए किसी ने किया था। ये आयोजन एक ऐसे शख्स ने किया जो कभी इसी गाँव में ही पड़ता था। आज उसी व्यक्ति ने ग्रामीण बच्चों के विकास की ठानी और लाखों रूपये मात्र इसलिए खर्च दिए की उसके गाँव से भी डाक्टर, आई.ए.एस. और आई.पी.एस. पैदा हों। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए ही सतीश राज देसवाल पिछले ७ सालों से बच्चो को सम्मानित कर रहे हैं।
इस अवसर पर सतीश देशवाल ने कहा, "मैंने ७ साल पहले उस स्कूल में गया जहाँ मैं पांचवी तक पड़ा था, तभी मैंने फेसला किया की इस गाँव में शिक्षा की हालत सुधारनी है। इसीलिए गाँव में शिक्षा प्रतियोगिता शुरू की। जिले में पहले २० बच्चों को कम्प्यूटर और १३२ को साईकिल दी जाती है। सक्षम लोग इस तरह शिक्षा का प्रसार करे ताकि देश का विकास हो।"
---Faraz Khan is a freelance journalist.